कभी-कभी हम सही या गलत में कोई फैसला नहीं कर पाते. सब कुछ सही होता है जीवन में , फिर भी हम कठिनाइयों से गिरे रहते हैं. या यूं कहें कि जीवन की समस्याओं में इतना उलझ जाते हैं. कि सही रास्ते नजर नहीं आते. हम जीवन की सरलता को देख नहीं पाते. जीवन को सरल बनाने के लिए कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. जो अपने दायरों से बाहर होते हैं. बस उन फैसलों को लेने की हिम्मत जुटा नहीं पाते. समस्याओं को सुलझाने का मार्ग भी हमें बनाना पड़ता है. जब हम अपने फैसले ले लेते हैं , तब कुछ दिन चीजें अलग होती है. फिर धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगता है. सभी हमारे फैसले को अपना लेते हैं. हमें भी अपने फैसले पर नाज होता है. रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं. और मंजिलों पर खुद ही पहुंचना होता है. संकल्प लेना पड़ता है. और उस पार पहुंचना पड़ता है. चाहे गिरे. या टूट जाए. हिम्मत जुटानी पड़ती है. टूटना नहीं है जिंदगी में ,हर बार निखरना पड़ता है. जीवन के इस सफर को योद्धा बनकर जीना पड़ता है. जीवन के इस सफर को योद्धा बनकर लड़ना पड़ता है.